अन्तर्मन की उड़ती कल्पनाएं ........
यामिनी,अभी मात्र १४ वर्ष की हो, और कंटेंट बहुत अच्छा है. हालाँकि लाइनिंग प्रोपर नही है. पर प्रयास करोगी तो सुधर जायेगी. छोटी उमर में भी अच्छी सोच और ब्लॉग अपडेट रखने के लिए शुभकामनाये.- संदीप
बढ़िया है, जारी रहो!!
yah namoona chitra kahaan se mila, badhiya hai...
बहुत बढिया।
आपके बन्दर मेरे बन्दरों से ज्यादा सच्चे हैं। सत्यार्थमित्र पर देखिए। ...मूड नहीं है तो कोई बात नहीं। यही बाँचिए-(ताजी लाइनें हैं)ले झाँक गि़रेबाँ ऐ कातिल, रमजान भी जाने वाला है।बापू शास्त्री का दिवस मना पड़ चुकी गले में माला है॥मज़हब को क्यूँ बदनाम करे, खेले क्यूँ खूनी खेल अरे।आँगन में मस्जिद एक ओर, तो दूजी ओर शिवाला है॥क्यों हाथ कटार लिया तूने,क्यों कर तेरे हाथ में भाला है?कहाँ पाक-कुरान को छोड़ दिया,कहाँ तेरी वो जाप की माला है?जब आज नमाज अता करना,या गंगाजी से जल भरना।तो ऊपर देख लिया करना, बस एक वही रखवाला है॥
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6 comments:
यामिनी,
अभी मात्र १४ वर्ष की हो, और कंटेंट बहुत अच्छा है. हालाँकि लाइनिंग प्रोपर नही है. पर प्रयास करोगी तो सुधर जायेगी. छोटी उमर में भी अच्छी सोच और ब्लॉग अपडेट रखने के लिए शुभकामनाये.
- संदीप
बढ़िया है, जारी रहो!!
yah namoona chitra kahaan se mila, badhiya hai...
बहुत बढिया।
आपके बन्दर मेरे बन्दरों से ज्यादा सच्चे हैं। सत्यार्थमित्र पर देखिए।
...मूड नहीं है तो कोई बात नहीं। यही बाँचिए-(ताजी लाइनें हैं)
ले झाँक गि़रेबाँ ऐ कातिल, रमजान भी जाने वाला है।
बापू शास्त्री का दिवस मना पड़ चुकी गले में माला है॥
मज़हब को क्यूँ बदनाम करे, खेले क्यूँ खूनी खेल अरे।
आँगन में मस्जिद एक ओर, तो दूजी ओर शिवाला है॥
क्यों हाथ कटार लिया तूने,क्यों कर तेरे हाथ में भाला है?
कहाँ पाक-कुरान को छोड़ दिया,कहाँ तेरी वो जाप की माला है?
जब आज नमाज अता करना,या गंगाजी से जल भरना।
तो ऊपर देख लिया करना, बस एक वही रखवाला है॥
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