अन्तर्मन की उड़ती कल्पनाएं ........
सुन्दर
नाक से सपना दिखा दिया. बहुत सुन्दर
का जी! आपने सपना नाक से दिखा दिया? ख़ैर सपने का क्या? ऊ तो बन्द आंख से भी दिखाई दे जाता है. फिर क्या है, कैसे भी दिखा दें.
वही नाक के दो छेदया कि वही ढाक के तीन पात:)
नाक को अनदेखा करके उसके पीछे दिमाग में चल रहे सपने के दर्शन अद्भुत हैं। एक आदमी हवा में तैरने का प्रयास कर रहा है। किसी की तस्वीर लटक रही है, शायद आदमी उसे याद कर रहा है। सूरज और पक्षी आजादी और उन्नति के सपनों का बोध करा रहे हैं। बहुत खूब!
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5 comments:
सुन्दर
नाक से सपना दिखा दिया. बहुत सुन्दर
का जी! आपने सपना नाक से दिखा दिया? ख़ैर सपने का क्या? ऊ तो बन्द आंख से भी दिखाई दे जाता है. फिर क्या है, कैसे भी दिखा दें.
वही नाक के दो छेद
या कि वही ढाक के तीन पात:)
नाक को अनदेखा करके उसके पीछे दिमाग में चल रहे सपने के दर्शन अद्भुत हैं। एक आदमी हवा में तैरने का प्रयास कर रहा है। किसी की तस्वीर लटक रही है, शायद आदमी उसे याद कर रहा है। सूरज और पक्षी आजादी और उन्नति के सपनों का बोध करा रहे हैं। बहुत खूब!
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